सिद्धार्थ का गुस्सा
चैप्टर 21 सिद्धार्थ का गुस्सा
अब तक आपने पढ़ा तीनो एक दूसरे का हाल पूछते हैं सिद्धार्थ तनुजा की नोक झोंक से परेशान होकर शौर्य सिद्धार्थ का कॉलर पकड़ लेता है तनुजा पुरानी बाते सोच कर रोने लगती है शौर्य गुस्सा होता है की क्यों सिद्धार्थ ने उसे रोका दूसरी तरफ महेंद्र और उसके पिता मीरा और राहुल को करने जा प्लैन बना रहे हैं
अब आग
तनुजा को रोता देख , सिद्धार्थ उसे शांत करने कि कोशिश कर रहा था, वो उसकी पीठ सहलाते हुए कहता है
"कुछ नहीं हुआ है तनु शांत हो जाओ" तनुजा बार बार एक ही बात कह रही थी "वो मुझे नहीं छोड़ेगा, उसने कहा था वो मुझे अपने साथ ले जाएगा" शौर्य अब इरिटेट हो गया था वो चीखते हुए कहता है "कौन ले जाएगा और क्यों तुम"
शौर्य आगे कुछ कहता उससे पहले ही मिरा कहती है "महेंद्र सिंह उरफ एम डी, तनुजा की इस हालत का, तुम्हे बिना बताये गायब होने का और बहुत से राज़ का जिम्मेदार एम डी है"
"तनुजा के साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश की थी उसने" सिद्धार्थ तनुजा को अपने बांहों में कसते हुए कहता है, तनुजा उसकी बांहों में पुरी तरह छुप गयी थी
थोड़ी देर की खामोशी के बाद सिद्धार्थ ने तनुजा को वही बिठाया और शौर्य के पास आ गया उसकी आँखों में देखते हुए कहता है "मै उसे उसी दिन मार देता, लेकिन मिरा ने मुझे मना किया"
फिर मिरा की तरफ उंगली पाॅइंट करते हुए चिल्लाकर कहता है "इसने मुझे रोका, इसने कहा कि उसे मारने का हक किसी और का हैं , उस एक दिन में इसने मुझे उस एम डी के खिलाफ छानबीन करने से रोक दिया,,, उसे मारने से रोका, और तो और मुझे उस शहर नहीं ये देश छोडने पर मजबूर किया ,जब इसे पता लगा कि तु इसे ढुँढ रहा है, इसने शहर छोडने की तैयारी कर ली ,मुझे तो ये चार साल बाद बुलाने वाली थी लेकिन अचानक 2 दिन पहले फोन करके वापस बुला लिया, उस दिन इसने अपनी पहचान और हमसे उस शहर से रिश्ता खत्म करवा दिया, सब छोड़ वो उस बच्चे के साथ यहाँ चली आई ,वो बच्चा कौन है, किसका है कोई नहीं जानता, बहुत राज़ दफन है इसके दिल में लेकिन ज़बान तक नहीं आता, देख शौर्य ध्यान से देख इसे ,तेरी इस बरबादी ने सबको बरबाद कर दिया वो भी एक बच्चे के लिए जो पता नहीं किसका गंद..."
सिद्धार्थ आगे कुछ कहता उससे पहले ही मिरा की गुस्से भरी आवाज आई "खबरदार और एक शब्द नहीं सिद्धार्थ, वरना मैं भुल जाउंगी की हम कभी दोस्त थे"
मिरा के चिल्लाने की वजह से उसके टाके टुट जाते हैं और दर्द से उसकी आँखों में आंसू आ जाते हैं उसके पुरे कंधे पर खुन आ जाता है और वो दर्द बरदाश्त करने के लिए लम्बी लम्बी सांस ले रही थी". "शौर्य डोक्टर को बुलाता है"
डोक्टर कहते हैं "प्लीज आपलोग बाहर जाइए"
सब बाहर आ जाते हैं" "सिद्धार्थ तनुजा के पास आता है और कहता है ,मुझे आज तक समझ नहीं आया क्यों तुमने मुझे अपनी जिंदगी से निकाला" तनुजा उसकी तरफ देखकर कहती है "तुम्हारे हर सवाल का जवाब मिरा के पास है ,तुमने जितने इल्जाम लगाये है उस पर सब गलत है, मै जानती हूँ उसे ,मेरी मासूम सी दोस्त वो शरारती मिरा श्रेया बन गयी उस एक बच्चे के लिए"
फिर शौर्य को देखते हुए कहती है "बहुत कुछ सहा है उसने लेकिन फिर भी खामोश रही क्यों ये तो वही बताएगी, मैं बस इतना कहूंगी शौर्य वो आज भी तुमसे ही प्यार करती है लेकिन वो तुम्हें कभी नहीं अपनाएगी, सब जानने के बाद भी अगर अपना सको तो अपना लेना"
"डोक्टर बाहर आते हैं और सबको एक नजर देखकर कहते है "देखीये उनका शरीर बहुत कमज़ोर है ,तो प्लीज उन्हें आराम करने दिजिए वो ज्यादा मुव करेंगी तो उनके टाके टुट जाएंगे जिससे उनका दर्द और बढ जाएगा ,और जान पर बन आएगी सो प्लीज"
फिर डोक्टर चले जाते हैं "तिनो कमरे में वापस आ जाते हैं तनुजा मिरा से कहती है "मुझे जाना होगा ,ज़्यादा देर नही रुक सकती हूँ" मिरा ठीक है कहती है
शौर्य दोनों को इशारा करता है फिर तीनों मिरा को आराम करने के लिए कहकर चले जाते हैं, बाहर आकर शौर्य बेंच पर बैठ जाता है और कहना शुरू करता है "इन 10 सालों में क्या हुआ किस वजह से हुआ मै नहीं जानता हूँ ,क्या राज़ है मै ये भी नहीं जानता , मै बस इतना जानता हूँ मैं उससे प्यार करता हूँ ,और बे इंतहा करता हूँ ,मुझे तुम्हारी मदद चाहिए"
फिर वो उन दोनों को कुछ समझाता है तनुजा समझते हुए कहती है "नहीं ये गलत है किसी को धोखा देना गलत है और झूठ बोलना तो सबसे गलत है"
सिद्धार्थ कहता है "मुझे मंजुर है, वैसे भी किसी कि भलाई के लिए बोला गया झूठ सौ सच के बराबर होता है" तभी वहा अनील आता है और उसे कुछ डोक्यूमेंट देकर चला जाता है शौर्य दोनों को कुछ कहता है फिर तीनों अपने काम में लग जाते है काम खत्म होने के बाद तनुजा वापस चली जाती है"
"शाम का वक्त होस्पिटल "
मिरा सो कर उठती है उसे कुछ अजीब सा लग रहा था लेकिन वो इग्नोर कर देती है" थोड़ी देर बाद सिद्धार्थ और शौर्य अंदर आते है सिद्धार्थ पुछता है "ठीक हो तुम"
मिरा हा कहती है' मिरा सिद्धार्थ से कहती है "बहुत से सवाल है तुम्हारे पास, अब वक्त आ गया है जवाब देने, का लेकिन मुझे थोड़ा वक्त चाहिए क्या तुम यहाँ रूक जाओगे, मै अभी उस हालत में नहीं हूँ कि सब सम्भाल सकू" सिद्धार्थ हा में गरदन हिला देता है
"मिरा शौर्य की तरफ देखती है जो उसे ही देख रहा था"
"मिरा कुछ कहने के लिए मुंह खोलती है उससे पहले ही सिद्धार्थ कहता है "मुझे थोड़ा काम है मै कल मिलता हूँ"
वो वहां से जाने के लिए मुडता है और शौर्य को देखकर अपनी एक आंख दबा देता है फिर चला जाता है
अब कमरे में सिर्फ मिरा और शौर्य थे मिरा उसे देख हल्का सा मुस्कुरा देती है, उसे इस वक्त शौर्य के साथ अकेले रहना थोड़ा असहज महसूस कर रही थी और अपनी नज़रें इधर उधर घुमा रही थी...... शौर्य को उसे एसे देखकर बहुत मजा आ रहा था और उसे हसी भी आ रही थी वो उसके पास जाकर उसके सर के दोनों तरफ अपने हाथ रख लेता है और उसकी तरफ झूकने लगता है"
"आगे की कहानी जानने के लिए बने रहीए मेंरे साथ मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए बाय बाय
वानी #कहानीकार प्रतियोगिता
Abhilasha Deshpande
13-Aug-2023 10:33 PM
Nice part
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अदिति झा
17-Jul-2023 11:53 AM
Nice 👍🏼
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